Sunday, January 25, 2015

हम मंजिल की ओर चलें...


कलम से____

गाड़ी जब आएगी
तब आएगी
हम इतंज़ार क्यों करें
चलें अपनी राह चलें
मंजिल भले दूर हो
पास आ ही जायेगी
बस
हम मंजिल की ओर चलें....

©सुरेंद्रपालसिंह 2015

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