कलम से____
मत घबराना कभी
तुम,
साथ तुम्हारा कभी न छोडूँगा
थामा जो है
यह हाथ,
हमेशा थामे रहूँगा
चाहे आए
आंधी,
चाहे आए
बरसात,
उजाला
हो या
रात
परछाईं सा रहूँगा
सदैव तुम्हारे साथ....
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http:// spsinghamaur.blogspot.in/
मत घबराना कभी
तुम,
साथ तुम्हारा कभी न छोडूँगा
थामा जो है
यह हाथ,
हमेशा थामे रहूँगा
चाहे आए
आंधी,
चाहे आए
बरसात,
उजाला
हो या
रात
परछाईं सा रहूँगा
सदैव तुम्हारे साथ....
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://
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