कलम से _ _ _ _
लो आगई हूँ मैं सबको छोड के,
करो कुबूल या नकार दो यह है अब तुझ पर,
बन गई हो जब तुम जिदंगी मेरी,
रहोगी हमेशा मेरे करीब दिल के,
ख्यालों में भी न सोचना हम होगे अब कभी जुदा।
//surendrapal singh//
07162014
http://1945spsingh.blogspot.in/2014/07/blog-post.html
and
http://spsinghamaur.blogspot.in/
लो आगई हूँ मैं सबको छोड के,
करो कुबूल या नकार दो यह है अब तुझ पर,
बन गई हो जब तुम जिदंगी मेरी,
रहोगी हमेशा मेरे करीब दिल के,
ख्यालों में भी न सोचना हम होगे अब कभी जुदा।
//surendrapal singh//
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