कलम से _ _ _ _
24th May, 2014
Camp: The Castle Naggar
Naggar, Himanchal
मनाली आज गये
भीड भाड वाली
यह जगह हमको रास नहीं आई।
माल रोड हर ऐसी जगह
की शान होती है
मुझे वहां भी चमक नजर नहीं आई।
वन विहार घूमने भी गये
पुराने दरख्त देख
अच्छा लगा कि पुरानी यादें
अभी बाकी हैं
जमीन कुरेदने पर कुछ हासिल हो ही जाएगा।
बच्चों के लिये
पैडल बोटिंग सुदंर
आप्शन है।
बाकी
मनाली का रंग
गहराया नहीं
फिर बुलाने की ताकत
भीड भाड मे खो गई
लगती है
आसपास और भी दिल को
लगाने और खो देने की
खूबसूरत जगह हैं
उनके चेहरे की शिकन
आखों की नमी की कशिश भी
यहाँ आने को दुबारा कुछ लगा नहीं है।
बाय बाय मनाली फौर एवर।
24th May, 2014
Camp: The Castle Naggar
Naggar, Himanchal
मनाली आज गये
भीड भाड वाली
यह जगह हमको रास नहीं आई।
माल रोड हर ऐसी जगह
की शान होती है
मुझे वहां भी चमक नजर नहीं आई।
वन विहार घूमने भी गये
पुराने दरख्त देख
अच्छा लगा कि पुरानी यादें
अभी बाकी हैं
जमीन कुरेदने पर कुछ हासिल हो ही जाएगा।
बच्चों के लिये
पैडल बोटिंग सुदंर
आप्शन है।
बाकी
मनाली का रंग
गहराया नहीं
फिर बुलाने की ताकत
भीड भाड मे खो गई
लगती है
आसपास और भी दिल को
लगाने और खो देने की
खूबसूरत जगह हैं
उनके चेहरे की शिकन
आखों की नमी की कशिश भी
यहाँ आने को दुबारा कुछ लगा नहीं है।
बाय बाय मनाली फौर एवर।
//surendrapal singh//
07192014
http://1945spsingh.blogspot.in/2014/07/blog-post.html
and
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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