कलम से _ _ _ _
मै लंदन की बडी बूढी महिलाओं को फैशनेबल समझता था,
बहुत पहले की ऐ बात है,
अब तो हिंदुस्तान में सीन ऐ आम है।
अब तो यहां पर भी फैशन का जोर है,
बडे बूढे जो टेढे मेढे से नजर आते हैं,
वो भी अब फैशन में डूबे नजर आते हैं,
मर्दो की क्या कहें औरतों में यह बुखार कुछ ज्यादा तेज है।
हर इंसान अपनी उम्र छिपाने की होड में लगा है,
लगे रहो मुन्ना भाई और बहन जी,
मै कह रहा हूँ मेरा दिल कह रहा है।
//surendrapal singh//
07192014
http://1945spsingh.blogspot.in/2014/07/blog-post.html
and
http://spsinghamaur.blogspot.in/
मै लंदन की बडी बूढी महिलाओं को फैशनेबल समझता था,
बहुत पहले की ऐ बात है,
अब तो हिंदुस्तान में सीन ऐ आम है।
अब तो यहां पर भी फैशन का जोर है,
बडे बूढे जो टेढे मेढे से नजर आते हैं,
वो भी अब फैशन में डूबे नजर आते हैं,
मर्दो की क्या कहें औरतों में यह बुखार कुछ ज्यादा तेज है।
हर इंसान अपनी उम्र छिपाने की होड में लगा है,
लगे रहो मुन्ना भाई और बहन जी,
मै कह रहा हूँ मेरा दिल कह रहा है।
//surendrapal singh//
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