Thursday, October 30, 2014









कलम से____

फूल एक गुच्छे से टूट मेरी हथेली पर गिरा
कहने लगा चूम लो अभी कुछ देर बाद सूख जाऊँगा, मैं !!!

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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