Saturday, October 4, 2014

फैशन आते जाते हैं।

कलम से____

फैशन आते जाते हैं
कपड़े कभी छोटे कभी बड़े हो जाते हैं
पैमाने भी पीने के बदल जाते हैं
इन्सानी ज़ज़्बातों का क्या कहना
कहने कहने के अंदाज बदल जाते हैं
निगाहों की बातचीत निगाहों से होती थी
मोबाइल की दुनियाँ में एसएमएस ही काफी हैं
मेरी कविता भी बदल रही है
पहले जो लंबी सी हुआ करती थी
छोटी सी रह गई है
फेसबुक पर आधी बात
तस्वीर बयां करती है
थोड़े से अल्फाज़ में
अब दिल की बात कहनी है
दो तीन लाइन में
अहसास को
एसएमएस की तरह बयां करना है !!

वक्त के साथ यह बदलाव भी सह लेगी
कविता जो मेरी है, कविता ही रहेगी !!!

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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