Sunday, October 26, 2014

अभी तो शाम हुई है....






कलम से____

अभी तो शाम हुई है
   चलना है
मंजिल है दूर बहुत
लंबी है डगर
 रात है आन पड़ी ।

जिन्दगी हिसाब
      माँगती है
किरदार निभाने है
कई और अभी ।

आखिरी किरदार निभाना है बाकी,
निभा के पूछूँगा यारो
परदा गिरने पर
    ताली बजेगी या नहीं ......

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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