Thursday, September 18, 2014

सुप्रभात 09 18 2014

सुप्रभात मित्रों।
Good morning dear friends.
09 18 2014

मेरे यह दो हाथ उठें
हमेशा आदर सत्कार में
इस अजुंरी में देना भगवन
जो ठीक तुम्हें लगे।

हम तो भौतिक सुख में डूबे
ना जाने क्या क्या मागेंगे
दे दोगे कुछ एक बार
फिर हम और अधिक मागेंगे।

तुम हो जग पालक
तुम ही हो हम सबके रक्षक
तुम्हारे पास ही आएंगे
दूजे दरवाजे को न खटकाएंगे।

//सुरेन्द्रपालसिंह//

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