कलम से____
पार्क से अभी लौट कर
घर में दाखिल ही हुआ था
कानों ने यह सुना
अजी आप कैसे हो?
मैंने पूछा क्या हुआ?
झट से जबाब सुनने को मिला।
कल मैं यमुना स्पोर्ट्स काम्पलेक्स में
घूम रही थी
एक पति और पत्नी भी थे वहां
पत्नी बोलती ही जा रही थी
रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी
पति हाँ में हाँ मिला रहा था
एक आप हो
मैं बक बक करती रहती हूँ
आप हाँ भी नहीं करते हो।
मैनें मन ही मन कहा
वह दोनों धन्य हैं
कम से कम
उन्होंने जीवन का रहस्य समझ लिया है
इसीलिये वह दोनों साथ साथ हैं।
जब एक बोले दूसरा चुप रहे
इसी में भला है.............
//सुरेन्द्रपालसिंह//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
पार्क से अभी लौट कर
घर में दाखिल ही हुआ था
कानों ने यह सुना
अजी आप कैसे हो?
मैंने पूछा क्या हुआ?
झट से जबाब सुनने को मिला।
कल मैं यमुना स्पोर्ट्स काम्पलेक्स में
घूम रही थी
एक पति और पत्नी भी थे वहां
पत्नी बोलती ही जा रही थी
रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी
पति हाँ में हाँ मिला रहा था
एक आप हो
मैं बक बक करती रहती हूँ
आप हाँ भी नहीं करते हो।
मैनें मन ही मन कहा
वह दोनों धन्य हैं
कम से कम
उन्होंने जीवन का रहस्य समझ लिया है
इसीलिये वह दोनों साथ साथ हैं।
जब एक बोले दूसरा चुप रहे
इसी में भला है.............
//सुरेन्द्रपालसिंह//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
No comments:
Post a Comment