Saturday, September 13, 2014

एक कली को आज फिर मसल दिया...

कलम से____


एक कली को
आज फिर मसल दिया
खिलने पर खिलखिला के जो हसँती उसकी हँसी को छीन वो ज़ालिम दो आसूँ दे गया !!

//सुरेन्द्रपालसिंह//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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