Friday, September 19, 2014

जिन्दगी एक एक पल सरकती जाती है ।

कलम से____


जिन्दगी एक एक पल सरकती जाती है
लाख रोकना चाहो पर रुकती नहीं है !!

सपने सजोंओ लाख पूरे होते नहीं है
आस एक है खुशी की जो बनी रहती है !!

कभी कोई चुपके से आकर जगा जाता है
वही आकर थपकी दे सुला जाता भी है !!

तू बस एक दिन के लिए ही मिल जा
इतंजार तेरा करते करते थक गया हूँ मैं !!

एक बार बस मिलने को आजा, मेरी माँ !!

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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