कलम से____
चोटी के गेशू अचानक खुल गए, कल रात
बेला के फूल मसल गए आधी रात
कुछ और भी अफसाने थे जो चादर की सिलवटों में कैद हो गए........
//सुरेन्द्रपालसिंह//
चोटी के गेशू अचानक खुल गए, कल रात
बेला के फूल मसल गए आधी रात
कुछ और भी अफसाने थे जो चादर की सिलवटों में कैद हो गए........
//सुरेन्द्रपालसिंह//
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