कलम से____
देखते देखते ही
मैं खुदा बन गया
यह मैं नहीं लोग कह रहे हैं
कह भी नहीं कर के दिखा रहे हैं
सुबह शाम
लोगां आते जाते
खड़े रह जाते हैं
कुछ तो ताली बजा
पूजा सी करते हैं
कुछ बाकायदा
रीत अनुसार
पूजा पाठ करते हैं !
चंद साल पहले तक
मैं एक ठूंठ पेड़
हुआ करता था
जीडीए की निगाह
पड़ गई मेरे चारों ओर
चबूतरा बनबा दिया
फिर क्या था
देखते हो देखते लोग
फूल तोड़ लाने लगे
शीस मेरे चढ़ने लगे
और मैं भगवान बन गया !!
जिस देश में
ऐसे परिवेश में
साधारण इन्सान भी
भगवान बन जाते हैं
मैं तो कम से कम
काम करता हूँ
(दिन रात कार्बन डाइ आक्साइड को आक्सीजन में बदलता हूँ)
कुछ तो बेकार
ही पूजे जाते हैं !!!
पीपल मेरी कहानी मेरी जुबानी !!!
//surendrapal singh//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
देखते देखते ही
मैं खुदा बन गया
यह मैं नहीं लोग कह रहे हैं
कह भी नहीं कर के दिखा रहे हैं
सुबह शाम
लोगां आते जाते
खड़े रह जाते हैं
कुछ तो ताली बजा
पूजा सी करते हैं
कुछ बाकायदा
रीत अनुसार
पूजा पाठ करते हैं !
चंद साल पहले तक
मैं एक ठूंठ पेड़
हुआ करता था
जीडीए की निगाह
पड़ गई मेरे चारों ओर
चबूतरा बनबा दिया
फिर क्या था
देखते हो देखते लोग
फूल तोड़ लाने लगे
शीस मेरे चढ़ने लगे
और मैं भगवान बन गया !!
जिस देश में
ऐसे परिवेश में
साधारण इन्सान भी
भगवान बन जाते हैं
मैं तो कम से कम
काम करता हूँ
(दिन रात कार्बन डाइ आक्साइड को आक्सीजन में बदलता हूँ)
कुछ तो बेकार
ही पूजे जाते हैं !!!
पीपल मेरी कहानी मेरी जुबानी !!!
//surendrapal singh//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
No comments:
Post a Comment