Tuesday, September 16, 2014

अब क्या कहें इस ज़माने से ।

कलम से_____

अब क्या कहें इस ज़माने से
यह होर्डिंग देख मेरा दिल पिघल गया
जाना था जिसको
वो आखिर चला गया
जाते जाते कुछ काम ऐसा कर गया
जो मुझे जिंदगी से जुदा कर गया।

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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