Wednesday, October 1, 2014

तुम्हारी यादों के झरोखों से।

कलम से_____

तुम्हारी यादों के झरोखों से
मुझे रह रह कर याद आते हैं

वो लम्हे.....

 .................तुम्हारे दिये गुलदस्ते को हमेशा निगाहों में बसा के रखते हैं !!!

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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