Thursday, October 9, 2014

जिन्दगी वह नहीं जो दूसरे की मदद न करे।

कलम से____

जिन्दगी वह नहीं
जो दूसरे की मदद न करे
जिन्दगी जीने का मज़ा ही
जब है कि तकलीफ में
आसपास कोई न रहे।

पूजा पत्थर के देवता
की तो सब करते हैं
बिरले ही लीक से
हट कर चलने की बात करते हैं।

मुश्किल होता है
राह नई बनाना
भला इन्सान ही
नई राह की तलाश करता है।

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

No comments:

Post a Comment