कुछ कहीं, कुछ अनकही !
Thursday, October 30, 2014
एक नजारा अजीबोगरीब देखा।
कलम से____
एक नजारा अजीबोगरीब देखा
रात भर दिल्ली में खाली बसों को भागते देखा
दिन में ठसाठस भरी देखा
दिल्ली के लोग भी .......
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