Sunday, October 19, 2014

बड़ी तब्दीलियां लाये हैं हम अपने आप में.....





कलम से____


बड़ी तब्दीलियां लाये हैं हम अपने आप में,
पर आपकी यादों में रहने की आदत अभी बाकी है……

इन्हीं यादों का तो एक सहारा है,
जिन्दगी बाकी बहुत खाली खाली है....

तुमने तो मेरा नाम हर जगह लिख दिया,
हर दरो दीवार पर नाम तेरा लिखना अभी बाकी है......

हसरत है कभी दरिया किनारे मिल बैठेगें,
नाम तेरा मेरा पानी पर भी लिखना जो अभी बाकी है.....

फलक में चाँद-तारे इतंजार करते हैं,
चल  कर  वहाँ  जगह  अपनी  बनाना  बाकी है.........


//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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