कलम से____
किसने दरवाजे पर
है दस्तक दी
मौसम के बदलाव की लगती है
मंद मंद रफ्तार ही सही
हवाओं में सरद खुशबू सी है
शरद ऋतु आ ही गई है
दस्तक यह उसकी है।
स्वागत है
आओ खुशियों
के पल साथ कुछ ले आओ
हमारे जीवन
को मधुर रसमय कर जाओ।
स्वागत स्वागत स्वागत।।
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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