कलम से____
चलो हटकर कुछ काम करें
जो दूसरा कोई न कर सके
वह काम करें
पत्थर जो जड़ हो चुके हैं
उनको हिलायें
अपनी जगह से उनको हटायें
चलो हम अपनी पहचान बनायें !!
पहचान बनाते हुए
खिलबाड़ न करो
प्रकृति से प्यार बस करते रहो !!
हैदराबाद के आसपास गए
अगर आप हैं
तो सवाल एक स्वाभाविक
उठने लगता है
इन पत्थरों को
किसी ने कैसे
वहाँ सजा रखा है
गिर जाए अगर तो तूफान मचा देगें
ज़लाज़ला आएगा जिस दिन
शोर दुनियाँ में हो जाएगा उस दिन
प्रकृति के साथ छेड़ छाड़ ठीक नहीं है
रहने भी दो इनको जैसे हैं
बस वही अब ठीक है........
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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