कुछ कहीं, कुछ अनकही !
Thursday, September 4, 2014
नजर मिलाने से......
कलम से____
नज़र मिलाने से आजकल कतराने लगे हो
क्या कोई और सपनों में आने लगा है !!!
//surendrapalsingh//
09 03 2014
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